कभी रूप दिखाता है
कभी चाल दिखाता है
शीशा जिंदगी का हर हाल दिखाता है
1. झूठ फरेब भरे पड़े हैं इंसान में
सब झूठे हैं कोई न सच्चा जहान में
शीशा इंसान की सचाई कमाल दिखाता है
शीशा जिंदगी का हर हाल दिखाता है
2. खुद ही में खोकर देखो खुदको
शिशे के सामने अच्छे से खड़े होकर देखो खुदको
शीशा खुद के बारे में कईं सवाल दिखाता है
शीशा जिंदगी का हर हाल दिखाता है
3. घर में लगा शीशा शकल दिखाता है
दुनिया में निकलो से शीशा अकाल सिखाता
है
दुनियाबी शीशा बड़े बड़े बवाल दिखाता है
शीशा जिंदगी का हर हाल दिखाता है
Ranjana (student of lpu, B.A journalism and mass communication)